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चक्रवात ‘दित्वाह’ : श्रीलंका में भारी तबाही – भारत ने ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ के तहत बढ़ाया सहयोग

 

श्रीलंका में आए चक्रवात दित्वाह ने व्यापक तबाही मचाई है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार अब तक 334 लोगों की मृत्यु और 370 लोग लापता हैं। देश के कई क्षेत्र गंभीर बाढ़, भूस्खलन और बुनियादी ढांचे की क्षति से जूझ रहे हैं। सबसे अधिक प्रभावित जिला कैंडी है, जहां 88 मौतें और 150 लोग लापता हैं। बादुला, नुवारा एलिया और मटाले जिलों में भी भारी जनहानि हुई है।

डिजास्टर मैनेजमेंट सेंटर (DMC) के अनुसार, इस आपदा से 3,09,607 परिवारों के 11,18,929 लोग प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हुए हैं। कई शहरों में नदी जलस्तर ऐतिहासिक ऊंचाई तक पहुंच गया, जिसके कारण पुल बह गए, सड़कें क्षतिग्रस्त हुईं और महत्वपूर्ण संस्थान जलमग्न हो गए।

अंतरराष्ट्रीय सहयोग
श्रीलंका की सहायता के लिए कई मित्र देशों ने हाथ बढ़ाए हैं।
नेपाल ने राहत एवं बचाव कार्यों हेतु 2 लाख अमेरिकी डॉलर की आर्थिक सहायता की घोषणा की है।
स्टारलिंक ने प्रभावित क्षेत्रों में दिसंबर 2025 तक मुफ्त इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराने की घोषणा की है, ताकि संचार व्यवस्था बहाल रहे और राहत संचालन निर्बाध रूप से चल सके।

भारत का ‘ऑपरेशन सागर बंधु’
भारत ने कठिन समय में अपनी “पहले पड़ोसी” नीति को दोहराते हुए ऑपरेशन सागर बंधु के तहत श्रीलंका को त्वरित मानवीय सहायता पहुंचाई है।
• भारतीय वायुसेना द्वारा 21 टन राहत सामग्री,
80 से अधिक एनडीआरएफ कर्मियों,
• तथा 8 टन तकनीकी उपकरण कोलंबो भेजे गए।
इसके अतिरिक्त, पुणे से भी एक अन्य एनडीआरएफ टीम और आवश्यक उपकरणों को एयरलिफ्ट किया गया।

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि भारत का यह प्रयास “तेज, समन्वित और मानवीय” दृष्टिकोण पर आधारित है और यह श्रीलंका के प्रति भारत की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है।