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जीएसटी सुधारों से अर्थव्यवस्था को मिली मजबूती, महंगाई ऐतिहासिक न्यूनतम स्तर पर — वित्त मंत्रालय

वित्त मंत्रालय – मासिक आर्थिक समीक्षा (अक्टूबर 2025)

वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा जारी अक्टूबर 2025 की मासिक आर्थिक समीक्षा में बताया गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत, लचीली और स्थिर गति से आगे बढ़ रही है। रिपोर्ट के अनुसार महंगाई में कमी, घरेलू मांग में सुधार, बेहतर अनुपालन और नीतिगत सुधारों ने भारत को चालू वित्त वर्ष में जोखिमों से निपटने और विकास की रफ्तार बनाए रखने में समर्थ बनाया है।

जीएसटी सुधारों का सकारात्मक प्रभाव

जीएसटी दरों में युक्तिकरण से उपभोग मांग को बढ़ावा मिला है।

अप्रैल–अक्टूबर 2025 में जीएसटी संग्रह में 9% वृद्धि दर्ज की गई।

सितंबर–अक्टूबर में ई-वे बिल जेनरेशन 14.4% बढ़ा, जो मजबूत खपत का संकेत देता है।

मुद्रास्फीति में ऐतिहासिक गिरावट

अक्टूबर 2025 में खुदरा महंगाई घटकर 0.25% के ऐतिहासिक निम्न स्तर पर पहुंची।

यह गिरावट जीएसटी दर कटौती, अनुकूल आधार प्रभाव और सब्जियों की कीमतों में 11 वर्षों की सबसे बड़ी गिरावट से संभव हुई।

कॉरपोरेट सेक्टर का मजबूत प्रदर्शन

FY 2025-26 की दूसरी तिमाही में कंपनियों की नेट सेल्स 6.1% बढ़ीं।

शुद्ध लाभ 12.3% उछला और PAT का हिस्सा 11.1% तक पहुंचा, जो हाल के वर्षों में सबसे ऊंचा स्तर है।

कॉरपोरेट बैलेंस शीट्स मजबूत और स्थिर बनी हुई हैं।

कृषि क्षेत्र में सकारात्मक संकेत

रबी बुवाई में 14.8% की वृद्धि दर्ज हुई।

गेहूं बुवाई में 19.9% और चने में 8.9% वृद्धि।

जलाशयों के बेहतर स्तर और अनुकूल नमी स्थितियों से कृषि परिदृश्य मजबूत रहा।

20 नवंबर तक खरीफ खरीद 170.9 लाख टन पहुंची।

बाहरी क्षेत्र को सेवा निर्यात से मजबूती

सेवा निर्यात अक्टूबर में रिकॉर्ड 38.5 अरब डॉलर रहा, जो वस्तु व्यापार घाटे का 48% कवर करता है।

अप्रैल–अक्टूबर 2025 में कुल निर्यात में 4.8% और सेवाओं में 9.7% वृद्धि हुई।

विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 687 अरब डॉलर तक पहुंचा।

वित्तीय बाजार और बैंकिंग क्षेत्र

रुपये की चाल 87.8–88.8 प्रति डॉलर के स्थिर दायरे में रही।

घरेलू निवेशकों से शेयर बाजार को लगातार समर्थन मिला; DII की हिस्सेदारी बढ़कर 18.3% हुई, जो 13 वर्षों में पहली बार FII से अधिक रही।

बैंक ऋण वृद्धि सितंबर तक 10.4% पर पहुंची;

MSME ऋण वृद्धि 19.7%,

सूक्ष्म व लघु उद्यम ऋण 22%,

आभूषणों पर ऋण 114.9% बढ़ा।

रोजगार परिदृश्य

श्रम बल भागीदारी बढ़कर 55.1% और बेरोजगारी दर घटकर 5.2%

2026 तक कुल नियुक्ति प्रवृत्ति 11% रहने का अनुमान।

रोजगार क्षमता बढ़कर 56.4%, और पहली बार महिलाओं ने पुरुषों को पीछे छोड़ा।

आगे की राह

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत FY 2026 की दूसरी छमाही में स्थिर और लचीले विकास पथ पर आगे बढ़ेगा।
विकास को निम्न कारकों से समर्थन मिलेगा:

मुद्रास्फीति में कमी

सार्वजनिक पूंजीगत व्यय

मजबूत वित्तीय बाजार

ग्रामीण-शहरी मांग में सुधार

साथ ही, वैश्विक अनिश्चितताओं, भू-राजनीतिक जोखिमों और व्यापार नीतिगत परिवर्तनों को देखते हुए नीतिगत सतर्कता बनाए रखने की सलाह दी गई है।