News Image

सर्दियों में आग या कोयला जलाकर हाथ सेकते हैं? ज़रा सावधान रहें—छोटी सी लापरवाही बन सकती है जानलेवा

 

सर्दियों के मौसम में अलाव जलाकर हाथ या शरीर सेंकना देशभर में एक आम आदत है। यह भले ही आरामदायक लगे, लेकिन हाल ही में सामने आए मामलों ने यह साबित किया है कि यह आदत गंभीर जोखिम पैदा कर सकती है।

कानपुर में हाल ही में हुई एक दर्दनाक घटना में चार लोगों की मौत बंद कमरे में कोयला जलाने से उत्पन्न कार्बन मोनोऑक्साइड गैस के कारण हो गई। यह रंगहीन, गंधहीन और अत्यंत जहरीली गैस कमरे की ऑक्सीजन को तेजी से खत्म कर देती है, जिससे व्यक्ति को नींद में ही दम घुट सकता है। यह घटना स्पष्ट करती है कि बंद स्थान पर आग या कोयला जलाना जानलेवा हो सकता है

त्वचा को होने वाला नुकसान
आग या हीटर के बहुत करीब बैठने से त्वचा की प्राकृतिक नमी कम हो जाती है, जिससे त्वचा रूखी, काली या जली हुई पैटर्न वाली दिखने लगती है। इसे चिकित्सकीय रूप से Erythema ab igne कहा जाता है।

श्वसन व हृदय स्वास्थ्य पर प्रभाव
लकड़ी या कोयला जलाने से निकलने वाला धुआँ PM2.5 कणों से भरपूर होता है, जो फेफड़ों में सूजन, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस व अन्य सांस से जुड़ी समस्याओं को बढ़ा सकता है। यह हृदय पर भी अतिरिक्त दबाव डालता है।

सावधानियां (अत्यंत आवश्यक):

कभी भी बंद कमरे में आग, कोयला या गैस हीटर न जलाएं।

रूम हीटर का उपयोग करते समय खिड़की अवश्य थोड़ी खुली रखें

आग या हीटर से सुरक्षित दूरी बनाए रखें, ताकि त्वचा को सीधी गर्मी का नुकसान न पहुंचे।

आग की बजाय गरम कपड़े, हीटिंग पैड, हॉट वॉटर बैग या गरम पेय का उपयोग करें।