बांग्लादेश अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना मानवता के खिलाफ अपराध में दोषी, ट्रिब्यूनल ने सुनाई मृत्युदंड की सजा
बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के विरुद्ध चल रहे मामले में ढाका स्थित इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT-Bangladesh) द्वारा आज महत्वपूर्ण फैसला सुनाया गया है। ट्रिब्यूनल ने उन्हें मानवता के खिलाफ अपराध के आरोप में दोषी ठहराते हुए मृत्युदंड की सजा सुनाई है।
ट्रिब्यूनल में यह मामला पिछले वर्ष हुए सरकार-विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा, नागरिकों पर अत्यधिक बल प्रयोग तथा अन्य गंभीर मानवाधिकार उल्लंघनों से संबंधित था। अभियोजन पक्ष ने आरोपों को अत्यंत गंभीर बताते हुए अधिकतम सजा की मांग की थी, जिसे न्यायाधिकरण ने स्वीकार किया।
यह उल्लेखनीय है कि शेख हसीना इस समय भारत में प्रवास कर रही हैं। उन्होंने ट्रिब्यूनल को दिए गए अपने बयान में आरोपों को “झूठा और राजनीति से प्रेरित” बताया था। फैसले से पूर्व जारी ऑडियो संदेश में उन्होंने दावा किया कि अंतरिम सरकार उनके राजनीतिक संगठन को समाप्त करने का प्रयास कर रही है।
ट्रिब्यूनल के निर्णय के मद्देनज़र बांग्लादेश में तनाव बढ़ने की आशंका को देखते हुए अंतरिम सरकार ने देशभर में सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के निर्देश दिए हैं। संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस, रैपिड एक्शन बटालियन (RAB), बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) और सेना के जवानों को तैनात किया गया है।
ढाका पुलिस ने भी किसी भी प्रकार की आगजनी, हिंसक गतिविधि या विस्फोटक पदार्थों के प्रयोग की कोशिश पर तुरंत और कड़ी कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं। पिछले सप्ताह देश में हुई करीब 40 आगजनी की घटनाओं और कई बम विस्फोटों के बाद यह कदम उठाया गया है।
इसके साथ ही, आवामी लीग ने आज के फैसले के विरोध में देशव्यापी बंद का आह्वान किया है। पार्टी का कहना है कि इसकी नेता के विरुद्ध लगाए गए सभी आरोप राजनीतिक प्रतिशोध का परिणाम हैं।